New Labour Code – अगस्त 2025 से देश में कामकाजी लोगों की ज़िंदगी में एक बड़ा बदलाव आने जा रहा है। सरकार ने नए Labour Code को लागू करने का ऐलान कर दिया है, जो काम के घंटों, साप्ताहिक छुट्टियों और कर्मचारियों के अधिकारों को पूरी तरह से बदल देगा। इस कानून के तहत अब कर्मचारियों को हफ्ते में सिर्फ 4 दिन काम करना होगा और बाकी 3 दिन की छुट्टी परमानेंट वीकेंड की तरह मिलेगी। यानी अब हर हफ्ते लंबा आराम और परिवार के साथ समय बिताने का मौका मिलेगा। यह नियम खासकर उन युवाओं, प्रोफेशनल्स और फैमिली पर्सन्स के लिए बहुत राहत देने वाला है जो वर्क-लाइफ बैलेंस के लिए सालों से जूझ रहे थे।
नया Labour Code क्या है और क्यों लाया गया?
भारत सरकार ने श्रमिकों के हित को ध्यान में रखते हुए 2020 में चार लेबर कोड पास किए थे, जिनमें से एक प्रमुख कोड ‘Occupational Safety, Health and Working Conditions Code’ है। इसी कोड के अंतर्गत अब अगस्त 2025 से 4-day work week लागू किया जाएगा। इसका मकसद कर्मचारियों को थकान से बचाना, मानसिक स्वास्थ्य को बेहतर बनाना और उत्पादकता को बढ़ाना है।
क्या-क्या होंगे बदलाव:
- हफ्ते में 4 दिन काम और 3 दिन छुट्टी
- कुल काम के घंटे 48 ही रहेंगे, लेकिन हर दिन 12 घंटे की शिफ्ट हो सकती है
- ओवरटाइम की अलग व्यवस्था होगी
- छुट्टियों और वेतन पर कोई असर नहीं होगा
कौन-कौन से सेक्टर्स में लागू होगा नया नियम?
नया Labour Code सभी प्राइवेट कंपनियों, सरकारी विभागों, फैक्ट्रियों और कॉर्पोरेट ऑफिसों पर लागू होगा। हालांकि कुछ सेक्टर्स जैसे स्वास्थ्य सेवाएं, इमरजेंसी सर्विसेज और शिक्षा में इसका स्वरूप थोड़ा अलग हो सकता है।
उदाहरण के तौर पर:
- एक IT कंपनी के सॉफ्टवेयर इंजीनियर को अब सोमवार से गुरुवार तक काम करना होगा और शुक्रवार से रविवार तक छुट्टी मिलेगी।
- एक बैंक कर्मचारी को हफ्ते के चार दिनों में ही सभी काम निपटाने होंगे।
कर्मचारियों को क्या होंगे फायदे?
नया Labour Code कर्मचारियों की ज़िंदगी में कई सकारात्मक बदलाव लाएगा:
- मानसिक स्वास्थ्य में सुधार: ज्यादा छुट्टी से तनाव कम होगा और काम के प्रति ऊर्जा बनी रहेगी।
- पारिवारिक जीवन बेहतर: 3 दिन का वीकेंड परिवार के साथ क्वालिटी टाइम बिताने का मौका देगा।
- यात्रा खर्च में कटौती: हफ्ते में कम बार ऑफिस जाने से आने-जाने का खर्च कम होगा।
- स्किल डेवेलपमेंट: फ्री टाइम में लोग नए कोर्स कर सकेंगे या फ्रीलांसिंग करके अतिरिक्त कमाई कर सकेंगे।
क्या चुनौतियाँ भी होंगी?
हालांकि ये बदलाव बहुत उत्साहित करने वाला है, लेकिन इसमें कुछ चुनौतियां भी सामने आ सकती हैं:
- रोजाना 12 घंटे काम करना सभी के लिए आसान नहीं होगा।
- छोटे व्यापारियों और MSME सेक्टर को शेड्यूल एडजस्ट करने में परेशानी हो सकती है।
- क्लाइंट-ड्रिवन बिज़नेस जैसे कस्टमर सपोर्ट या कॉल सेंटर्स में 24×7 सेवा की ज़रूरत होगी।
असली ज़िंदगी से कुछ उदाहरण
रीना शर्मा, जो गुरुग्राम की एक मल्टीनेशनल कंपनी में HR मैनेजर हैं, कहती हैं –
“पिछले साल जब हमारी कंपनी ने ट्रायल के तौर पर 4-day work week शुरू किया था, तो कर्मचारियों की प्रोडक्टिविटी में 25% का इज़ाफा हुआ। लोग काम को लेकर ज़्यादा जिम्मेदार हो गए और छुट्टियों के दौरान तनावमुक्त भी रहते थे।”
राजेश मिश्रा, जो पुणे में एक IT फर्म में सॉफ्टवेयर इंजीनियर हैं, बताते हैं –
“अब मेरे पास हर हफ्ते तीन दिन होते हैं जब मैं अपने बच्चों के साथ क्रिकेट खेल सकता हूं, बीवी को शॉपिंग ले जा सकता हूं और अपने लिए भी वक्त निकाल सकता हूं। ये नियम तो मानो एक तोहफा है हमारे जैसे प्रोफेशनल्स के लिए।”
नया नियम कैसे लागू होगा?
सरकार ने स्पष्ट किया है कि कंपनियों को अपने कर्मचारियों की सहमति से काम के घंटे तय करने होंगे। किसी पर जबरदस्ती 12 घंटे की ड्यूटी नहीं थोपी जा सकती। कंपनियों को हर कर्मचारी को एक हफ्ते में अधिकतम 48 घंटे ही काम में लगाना होगा।
नीचे एक टेबल दी गई है जिससे यह साफ हो जाएगा कि बदलाव कैसे होगा:
सप्ताह में कार्यदिवस | रोजाना घंटे | कुल घंटे (हफ्ते में) | वीकेंड |
---|---|---|---|
6 दिन | 8 घंटे | 48 घंटे | 1 दिन |
5 दिन | 9.6 घंटे | 48 घंटे | 2 दिन |
4 दिन | 12 घंटे | 48 घंटे | 3 दिन |
क्या इस नियम को अपनाना ज़रूरी है?
नहीं, सरकार ने कंपनियों को विकल्प दिया है। अगर कोई कंपनी चाहती है कि कर्मचारी 5 दिन काम करें तो वो ऐसा कर सकती है, बस शर्त ये है कि कुल घंटे 48 से ज्यादा न हों।
यह बदलाव कब से लागू होगा?
सरकार की अधिसूचना के मुताबिक यह नियम 1 अगस्त 2025 से पूरे देश में लागू हो जाएगा। इसके लिए सभी राज्यों को निर्देश भेजे जा चुके हैं और कंपनियों को तैयारी के लिए जुलाई तक का समय दिया गया है।
मेरी राय में इस बदलाव का क्या मतलब है?
व्यक्तिगत रूप से मैंने भी एक समय में वीकेंड्स पर फ्रीलांसिंग और स्किल्स सीखने की कोशिश की थी, लेकिन 6 दिन की नौकरी में इतना समय ही नहीं मिलता था। अब अगर हर हफ्ते 3 दिन मिलेंगे तो न केवल मैं अपने परिवार को समय दे पाऊंगा, बल्कि अपने करियर के लिए भी कुछ नया कर सकूंगा। ऐसे में मुझे लगता है कि ये बदलाव आने वाले समय में युवाओं और प्रोफेशनल्स की पूरी जीवनशैली को ही बदल देगा।
नया Labour Code भारत में नौकरी की दुनिया को एक नई दिशा देगा। अब नौकरी केवल काम तक सीमित नहीं रहेगी, बल्कि व्यक्ति के जीवन का संतुलन और खुशहाली भी नौकरी के साथ जुड़ेगी। यह कदम न सिर्फ उत्पादकता बढ़ाएगा बल्कि एक खुशहाल, मानसिक रूप से स्वस्थ और ज़िम्मेदार कार्यबल भी तैयार करेगा। अब इंतजार है 1 अगस्त 2025 का, जब ये बदलाव ज़मीनी स्तर पर लागू होंगे।
अक्सर पूछे जाने वाले सवाल
1. क्या 4-day work week सभी कर्मचारियों पर लागू होगा?
नहीं, यह कर्मचारियों की सहमति और कंपनी की नीतियों पर निर्भर करेगा।
2. क्या रोज 12 घंटे काम करना अनिवार्य होगा?
नहीं, कंपनी और कर्मचारी मिलकर काम के घंटे तय करेंगे। कुल 48 घंटे हफ्ते में ही मान्य होंगे।
3. क्या सैलरी पर कोई असर पड़ेगा?
नहीं, सैलरी और छुट्टियों पर कोई असर नहीं होगा। नियम सिर्फ काम के दिनों का है।
4. क्या यह नियम सभी राज्यों में लागू होगा?
जी हां, केंद्र सरकार के अनुसार यह नियम पूरे देश में लागू होगा, हालांकि कुछ राज्यों में प्रक्रिया अलग हो सकती है।
5. अगर कोई कर्मचारी 4 दिन काम नहीं करना चाहता तो?
ऐसे कर्मचारी 5 या 6 दिन के विकल्प भी चुन सकते हैं, बशर्ते 48 घंटे से अधिक काम न हो।