2025 में बदल गए ज़मीन रजिस्ट्री के नियम – अब प्रॉपर्टी खरीदने-बेचने से पहले जान लें ये 4 बड़े बदलाव

Land Registry Rules Changed – आजकल हर कोई एक स्थायी ठिकाने की तलाश में है और ज़मीन-जायदाद खरीदना या बेचना एक बड़ी ज़िम्मेदारी और निवेश होता है। लेकिन अगर आप 2025 में प्रॉपर्टी खरीदने या बेचने की सोच रहे हैं, तो आपके लिए यह जानना बेहद जरूरी है कि जमीन की रजिस्ट्री से जुड़े कुछ अहम नियमों में इस साल बड़ा बदलाव हुआ है। कई लोगों को यह गलतफहमी रहती है कि “रजिस्ट्री हो गई मतलब मालिक बन गए”, लेकिन अब यह सोच पूरी तरह बदलने वाली है। सरकार ने 2025 की शुरुआत में रजिस्ट्री और मालिकाना हक (Ownership) को लेकर कई नियमों में संशोधन किया है, जिससे प्रॉपर्टी लेन-देन की प्रक्रिया पहले से ज्यादा पारदर्शी और सुरक्षित बन गई है। कई मामलों में रजिस्ट्री के बावजूद जमीन पर दावा गलत साबित हुआ है, इसलिए यह जरूरी है कि हम इन नए नियमों को पूरी तरह समझें। नीचे हम आपको बताएंगे ऐसे 4 बड़े बदलाव जो सीधे आपकी ज़मीन-जायदाद से जुड़े हैं और आपकी जेब और भविष्य दोनों पर असर डाल सकते हैं।

रजिस्ट्री का मतलब अब सीधे मालिकाना हक नहीं

बहुत समय से यह परंपरा रही है कि कोई भी व्यक्ति जब ज़मीन या फ्लैट की रजिस्ट्री करवा लेता है, तो वह खुद को उसका मालिक मान लेता है। लेकिन अब कानून में बदलाव होने के बाद केवल रजिस्ट्री करवा लेने से कोई मालिक नहीं माना जाएगा।

क्या बदला है नियम में:

  • रजिस्ट्री केवल एक लीगल दस्तावेज़ होगी कि आपने ज़मीन खरीदी है।
  • मालिकाना हक तभी साबित होगा जब संबंधित व्यक्ति के नाम पर भू-अभिलेख (Land Record) अपडेट किया गया हो।
  • Mutation Entry यानी नामांतरण अब ज़रूरी कर दिया गया है – बिना इसके रजिस्ट्री अधूरी मानी जाएगी।

व्यक्तिगत उदाहरण:
मेरे पड़ोसी ने पिछले साल एक प्लॉट खरीदा और रजिस्ट्री करवाई। लेकिन नामांतरण न होने की वजह से जब उन्होंने निर्माण शुरू किया तो तहसील कार्यालय ने उसे अवैध करार दिया। इस वजह से उन्हें दोबारा दौड़भाग करनी पड़ी।

मालिकाना हक के लिए ‘नामांतरण’ (Mutation) अनिवार्य

Mutation को लेकर अब सख्ती बढ़ा दी गई है। जमीन खरीदने के बाद आपके नाम पर भू-अभिलेख अपडेट होना ज़रूरी होगा, तभी आप उस ज़मीन के असली मालिक माने जाएंगे।

नए नियमों के तहत:

  • रजिस्ट्री के 30 दिन के भीतर Mutation कराना अनिवार्य।
  • Online और Offline दोनों माध्यम से अब Mutation की सुविधा दी गई है।
  • बिना Mutation, बैंक से लोन या निर्माण की अनुमति नहीं मिलेगी।

महत्वपूर्ण बिंदु:

  • Mutation फीस राज्य सरकारें तय करती हैं, जो ₹100 से ₹500 तक हो सकती है।
  • Mutation न कराने पर ज़मीन पर कानूनी विवाद होने की संभावना बढ़ जाती है।

बायर्स के लिए ‘Land Title Verification’ अब अनिवार्य

अब जमीन खरीदने से पहले उसका टाइटल (मालिकाना हक) वेरीफाई करना ज़रूरी कर दिया गया है। कई बार एक ही ज़मीन को दो लोगों को बेचा गया है, जिससे विवाद हुए हैं। इसे रोकने के लिए ये नियम लागू किया गया है।

क्या करना होगा:

  • जमीन खरीदने से पहले पुराना खसरा-खतौनी रिकॉर्ड चेक करें।
  • पिछले 30 वर्षों का मालिकाना इतिहास देखें।
  • सभी दस्तावेजों को तहसील या ऑनलाइन पोर्टल से वेरीफाई करें।

व्यक्तिगत अनुभव:
मेरे एक दोस्त ने 2022 में एक खेत खरीदा, लेकिन बाद में पता चला कि वही ज़मीन कोर्ट केस में चल रही है। अगर उन्होंने पहले टाइटल वेरीफिकेशन करवा लिया होता, तो लाखों का नुकसान नहीं होता।

डिजिटल रजिस्ट्री सिस्टम हुआ अनिवार्य

2025 से सभी प्रॉपर्टी लेन-देन को डिजिटल प्लेटफॉर्म पर लाना अनिवार्य कर दिया गया है। इसका उद्देश्य भ्रष्टाचार को रोकना और पारदर्शिता को बढ़ाना है।

डिजिटल रजिस्ट्री सिस्टम के लाभ:

  • सभी दस्तावेज़ ऑनलाइन अपलोड होंगे और उसका डिजिटल लॉकर में संग्रहण होगा।
  • रियल-टाइम स्टेटस ट्रैकिंग की सुविधा मिलेगी।
  • जाली दस्तावेजों की संभावना होगी लगभग खत्म।

उदाहरण:
अब दिल्ली, उत्तर प्रदेश और महाराष्ट्र जैसे राज्यों में रजिस्ट्री की प्रक्रिया पूरी तरह ऑनलाइन हो चुकी है, जिससे बिचौलियों की भूमिका लगभग समाप्त हो गई है।

नए और पुराने नियमों की तुलना

बिंदु पुराने नियम 2025 के नए नियम
रजिस्ट्री से मालिकाना हक हाँ (सीधा हक माना जाता था) नहीं, Mutation ज़रूरी है
नामांतरण (Mutation) वैकल्पिक अनिवार्य
टाइटल वेरिफिकेशन सामान्यतः नज़रअंदाज़ किया जाता था अब अनिवार्य
डिजिटल प्रक्रिया कई जगह मैनुअल पूरी तरह डिजिटल
भूमि रिकॉर्ड ऑफलाइन या तहसील से ऑनलाइन पोर्टल पर उपलब्ध
विवाद की संभावना अधिक कम
ट्रांजैक्शन की पारदर्शिता सीमित अधिक

ज़मीन-जायदाद खरीदने वालों के लिए जरूरी सुझाव

  • हमेशा रजिस्ट्री के तुरंत बाद नामांतरण कराएं।
  • प्रॉपर्टी का टाइटल रिकॉर्ड ज़रूर चेक करें, चाहे दोस्त या रिश्तेदार से ही क्यों न खरीद रहे हों।
  • रजिस्ट्री और म्यूटेशन के लिए सरकार द्वारा बनाए गए ऑफिशियल पोर्टल का इस्तेमाल करें।
  • स्थानीय वकील से दस्तावेजों की जांच करवा लें।
  • खुद को डिजिटल प्रक्रिया से अपडेट रखें – मोबाइल नंबर, ईमेल ID अपडेट रखें ताकि OTP आधारित सेवाएं सुचारू रूप से मिल सकें।

2025 के ज़मीन रजिस्ट्री और मालिकाना हक के नियमों में बदलाव का सीधा असर आम नागरिकों पर पड़ता है। अगर आप बिना पूरी जानकारी के ज़मीन खरीदते हैं, तो भविष्य में कानूनी पचड़े में फंस सकते हैं। इसलिए रजिस्ट्री के साथ-साथ म्यूटेशन, टाइटल वेरिफिकेशन और डिजिटल दस्तावेजों की जांच करना अब जरूरी हो गया है। थोड़ी सी सतर्कता आपके लाखों रुपए बचा सकती है और लंबे समय की सुरक्षा सुनिश्चित कर सकती है।

अक्सर पूछे जाने वाले सवाल

1. क्या अब रजिस्ट्री के बाद मालिकाना हक नहीं मिलेगा?
नहीं, अब केवल रजिस्ट्री से मालिकाना हक नहीं मिलेगा। रजिस्ट्री के बाद Mutation कराना ज़रूरी है।

2. म्यूटेशन करने के लिए कितने दिन का समय दिया गया है?
रजिस्ट्री के 30 दिन के भीतर म्यूटेशन प्रक्रिया पूरी करनी होती है।

3. टाइटल वेरीफिकेशन कैसे करें?
राज्य सरकार के राजस्व पोर्टल या तहसील कार्यालय से पुराने भूमि रिकॉर्ड की जांच करके किया जा सकता है।

4. डिजिटल रजिस्ट्री कैसे काम करती है?
सभी दस्तावेज़ स्कैन करके ऑनलाइन पोर्टल पर अपलोड किए जाते हैं और डिजिटल सिग्नेचर के साथ प्रमाणित होते हैं।

5. अगर Mutation न हो तो क्या होगा?
Mutation न होने पर न तो बैंक लोन मिलेगा और न ही कानूनी रूप से आप मालिक माने जाएंगे, जिससे विवाद की स्थिति बन सकती है।