Government New Rent Control Law – आज के समय में ज़्यादातर लोग बड़े शहरों में नौकरी या पढ़ाई के लिए किराए पर रहते हैं। लेकिन किराएदारों की सबसे बड़ी परेशानी तब होती है जब मकान मालिक बिना किसी जानकारी के अचानक किराया बढ़ा देता है। इसी समस्या को देखते हुए सरकार ने एक बहुत ही अहम कदम उठाया है। अगस्त 2025 से एक नया Rent Control कानून लागू होने जा रहा है, जिसमें यह साफ कहा गया है कि अब कोई भी मकान मालिक बिना लिखित नोटिस दिए किराया नहीं बढ़ा सकता। यह नियम खासकर उन लोगों के लिए राहत लेकर आया है जो हर महीने किराए की टेंशन में जीते हैं और जिनकी कमाई का बड़ा हिस्सा सिर्फ किराए में चला जाता है। यह कानून केवल किराएदारों को ही नहीं, बल्कि मकान मालिकों को भी एक पारदर्शी और नियमबद्ध सिस्टम देता है ताकि किसी के भी अधिकार का हनन न हो।
क्या है नया रेंट कंट्रोल कानून?
सरकार ने इस कानून को “मॉडल रेंटल एक्ट 2025” के आधार पर तैयार किया है, जिसे देशभर में अगस्त से लागू किया जाएगा। इस कानून का उद्देश्य मकान मालिक और किराएदार के बीच एक संतुलन बनाना है ताकि किसी को भी एकतरफा नुकसान न उठाना पड़े।
इस कानून के मुख्य बिंदु:
- बिना लिखित समझौते (Rent Agreement) के कोई किराए पर मकान नहीं दिया जा सकेगा।
- बिना 3 महीने पहले नोटिस दिए मकान मालिक किराया नहीं बढ़ा सकता।
- किराए की बढ़ोतरी का एक निश्चित प्रतिशत तय किया जाएगा, जिसे पार नहीं किया जा सकेगा।
- किराया तय करने से पहले दोनों पक्षों की आपसी सहमति जरूरी होगी।
- किसी भी विवाद के लिए Rent Tribunal बनाया जाएगा।
किराएदारों को कैसे मिलेगी राहत?
यह नया नियम उन लाखों किराएदारों के लिए बड़ी राहत बनकर आया है जिन्हें हर साल या कुछ महीनों में किराया बढ़ने की चिंता सताती रहती थी। अब किराए में बढ़ोतरी एक तय प्रक्रिया के तहत होगी।
किराएदारों को मिलने वाले मुख्य लाभ:
- मकान मालिक अब अचानक किराया नहीं बढ़ा सकते।
- किराए की दर पहले से तय होगी, जिससे बजट बनाना आसान होगा।
- मकान खाली कराने के लिए मालिक को पहले नोटिस देना होगा।
- किराए की शर्तें लिखित होंगी, जिससे किसी भी तरह की धोखाधड़ी नहीं हो पाएगी।
उदाहरण:
सोनिया शर्मा, जो दिल्ली में एक निजी स्कूल में पढ़ाती हैं, कहती हैं – “पिछले साल मकान मालिक ने बिना किसी सूचना के 2,000 रुपये किराया बढ़ा दिया था। अब इस कानून से हमें राहत मिलेगी और मकान मालिक भी सोच-समझकर ही फैसला लेंगे।”
मकान मालिकों के लिए भी है फायदे का सौदा
हालांकि यह कानून किराएदारों के हक में लगता है, लेकिन मकान मालिकों के लिए भी इसमें कई लाभ हैं। अब उन्हें भी किराएदारों से समय पर किराया न मिलने की स्थिति में कानूनी सहारा मिलेगा।
मकान मालिकों को मिलने वाले लाभ:
- अब हर किराएदार का रजिस्ट्रेशन अनिवार्य होगा, जिससे अवैध किरायेदारी रुकेगी।
- किराएदार द्वारा नुकसान पहुंचाने या भुगतान न करने की स्थिति में Rent Court में तुरंत कार्रवाई की जा सकेगी।
- बिना लिखित एग्रीमेंट के कोई विवाद नहीं उठेगा।
- मकान मालिक को भी किराया बढ़ाने का उचित और तय तरीका मिलेगा।
उदाहरण:
विनय जैन, एक रिटायर्ड सरकारी कर्मचारी हैं और उन्होंने अपना एक फ्लैट किराए पर दिया हुआ है। उनका कहना है – “नया कानून दोनों पक्षों के लिए फेयर है। किराएदार अब मनमानी नहीं कर पाएंगे और हमें भी किराया बढ़ाने का एक साफ सिस्टम मिलेगा।”
रेंट एग्रीमेंट बनवाना अब अनिवार्य
नए कानून के मुताबिक, हर मकान मालिक और किराएदार को रेंट एग्रीमेंट करवाना अनिवार्य होगा। इसमें किराया, जमा राशि, नोटिस पीरियड, और किरायेदारी की अवधि का स्पष्ट उल्लेख होगा।
रेंट एग्रीमेंट में शामिल जानकारियाँ:
- मकान मालिक और किराएदार का नाम व पता
- किराए की राशि और जमा (Security Deposit)
- किराए की अवधि और नोटिस की शर्तें
- मेंटेनेंस, बिजली, पानी का खर्च कौन देगा
- किराया बढ़ाने की समयसीमा और शर्तें
इसका सबसे बड़ा फायदा यह है कि विवाद की स्थिति में कोर्ट में यह दस्तावेज सबसे मजबूत सबूत होगा।
Rent Tribunal क्या होता है?
सरकार अब हर जिले में Rent Tribunal बनाएगी, जहां मकान मालिक और किराएदार अपने विवादों को सुलझा सकेंगे। इस ट्रिब्यूनल का फैसला अंतिम और समयबद्ध होगा।
Rent Tribunal की खास बातें:
- केस का निपटारा 60 दिनों के भीतर होगा
- दोनों पक्षों को सुनवाई का पूरा अवसर मिलेगा
- फैसला लिखित रूप में दिया जाएगा
- फैसले को चुनौती देने के लिए अपीलेट अथॉरिटी बनाई जाएगी
कितना और कब बढ़ेगा किराया?
नए कानून में यह भी तय कर दिया गया है कि किराया हर साल या दो साल में एक बार ही बढ़ाया जा सकता है, वो भी एक फिक्स प्रतिशत (जैसे 5% सालाना) के अनुसार।
शहर का नाम | वर्तमान किराया | अधिकतम बढ़ोतरी (%) | नया किराया (अनुमानित) |
---|---|---|---|
दिल्ली | ₹10,000 | 5% | ₹10,500 |
मुंबई | ₹12,000 | 5% | ₹12,600 |
लखनऊ | ₹8,000 | 5% | ₹8,400 |
जयपुर | ₹9,500 | 5% | ₹9,975 |
पटना | ₹7,000 | 5% | ₹7,350 |
इस नए रेंट कंट्रोल कानून से भारत के 25 करोड़ से अधिक किराएदारों को सीधा फायदा मिलेगा। यह कानून सिर्फ नियमों की किताब तक सीमित नहीं रहेगा, बल्कि जमीन पर असर डालेगा। मकान मालिक और किराएदार के बीच भरोसे का रिश्ता बनेगा और सभी को कानूनी सुरक्षा मिलेगी। मेरे खुद के अनुभव की बात करूं तो जब मैं NCR में किराए पर रह रहा था, मकान मालिक ने सिर्फ एक महीने पहले नोटिस देकर किराया 3,000 रुपये बढ़ा दिया था, और न मानने पर घर खाली करने को कहा गया। अब जब यह नया कानून आएगा, तो उस जैसे लाखों लोग राहत महसूस करेंगे।
अक्सर पूछे जाने वाले सवाल
1. नया रेंट कंट्रोल कानून कब से लागू होगा?
यह कानून अगस्त 2025 से देशभर में लागू किया जाएगा।
2. क्या बिना रेंट एग्रीमेंट के किराए पर रह सकते हैं?
नहीं, अब रेंट एग्रीमेंट अनिवार्य कर दिया गया है।
3. मकान मालिक कितने प्रतिशत किराया बढ़ा सकता है?
अधिकतम 5% सालाना की दर से ही किराया बढ़ाया जा सकेगा।
4. क्या किराए से जुड़े विवाद के लिए कोर्ट जाना होगा?
नहीं, हर जिले में Rent Tribunal बनाया जाएगा जहां जल्दी फैसला होगा।

5. अगर मकान मालिक नियम तोड़े तो क्या कार्रवाई होगी?
ऐसी स्थिति में किराएदार Rent Tribunal में शिकायत दर्ज कर सकता है और कार्रवाई की जाएगी।